शिमला। आज हम बात कर रहे हैं किसानो के उत्पाद की दोस्तों हमारे देश में एक मुहावरा बहुत ही फेमस हैं दूध का दूध और पानी का पानी। जी कुछ यहीं सच्चाई से हम आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं. जहाँ एक तरफ मोदी किसनो के उत्पाद के दामों बढ़ाने और अपना दिया हुआ वाद पूरा करने की बात कर रहे हैं, देवभूमि हिमाचल में श्वेत क्रांति के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी इस क्रांति ने इसे उलटा कर दिया।
आपको बता दे श्वेत क्रांति के नाम पर पानी से भी सस्ता दूध खरीदा जा रहा है। हिमाचल में हजारों किसान हर दिन डेढ़ लाख लीटर से अधिक दूध बेचते हैं, जिसकी कीमत शहरो में 45 से 50 रुपये लीटर वसूली जा रही है। और गांव में उसी को दूध मात्र 14 रुपये लीटर खरीदा जा रहा है। जबकि सबसे अच्छी क्वालिटी का दूध 23 रुपये लीटर खरीदा जा रहा है। तो वहीं एक पानी की बोतल की कीमत बीस रुपये है। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं। ये कीमत उनको कितनी मिल रही हैं इतने पैसे से ज्यादा तो एक जानवर की खानगी होती हैं अब जरा सोचिये की इन किसानो को आखिर क्या बचता होगा?
बता दे कि हिमाचल प्रदेश राज्य स्टेट को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन द्वारा प्रदेश में हर दिन करीब एक लाख लीटर दूध की खरीद की जाती है। राजधानी शिमला के रामपुर, ननखड़ी, मराणा, नगाण, कुमारसैन, करसोग रोहड़ू, जुब्बल और सराहन क्षेत्रों में किसान से दूध 14 से 23 रुपये प्रति लीटर तक खरीदा जा रहा है। दुग्ध उत्पादकों की शिकायत है कि उन्हें गुणवत्ता के आधार पर दूध के दाम नहीं दिए जा रहे हैं। मिल्क फेडरेशन दुग्ध उत्पादकों से सीधे दूध खरीदने की अपेक्षा ग्रामीण स्तर पर बनाई समितियों के माध्यम से खरीद रहा है। दूध में मौजूद फैट और एसएनएफ के आधार पर दूध की कीमत ग्रामीणों के लिए तय की जाती है। दत्तनगर में चल रहे राज्य मिल्क फेडरेशन द्वारा दूध प्लांट क्षेत्र में करीब 190 समितियां हैं जिनके माध्यम से दूध खरीदा जा रहा है।
दूध की गुणवत्ता के आधार पर उनका वर्गीकरण किया है और दाम भी उसी आधार पर निर्धारित किए गए हैं। इसमें टोंड मिल्क, डबल टोंड, स्टैंडर्ड और फुल क्रीम शामिल हैं। मिल्क फेडरेशन केवल टोंड और स्टैंडर्ड मिल्क ही किसानों से खरीद रहा है
दूध खरीद के दाम प्रति लीटर
दूध वसा एसएनएफ निर्धारित दाम खरीदा जा रहा विक्रय दाम
टोंड 3.5 फीसद 7.3 20 14-17 43
स्टैंडर्ड 4.5 फीसद 8.5 23.80 17-21 46
दूध के लिए लेक्टोमीटर के साथ ऑटोमेटिक मिक्स कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं। इससे वसा और एसएनएफ का पता चल जाता है। उसी आधार पर दूध की कीमत दी जाती है।