लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एक बार पुनः अपनी जुमलेबाजी और कुछ गिने चुने उद्योगपतियों के माध्यम से देश के युवाओं को भ्रमजाल में फंसाने का कुचक्र रचने के लिए ही प्रदेष की राजधानी लखनऊ मेें पधार रहे हैं। साथ ही साथ प्रदेष में मोदी का नाम और योगी का काम प्रचारित करके युवा वर्ग को लाॅलीपाप दिखाकर पुनः केन्द्र की सत्ता प्राप्ति का सपना देखा जा रहा है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री का काफिला लखनऊ के बाहर शहीद पथ से ही जाना है और उसी मार्ग से पुनः वापस जाना है परन्तु लखनऊ भर के हजारों ठेले खोमचे वालों को तीन दिन पहले ही रोजी रोटी कमाने से रोक दिया गया है। क्या यही गरीबों की रहनुमाई और वी0पी0आई0 कल्चर की समाप्ति है? उद्योगों की नींव डालने का मतलब यह नहीं है कि तत्काल बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो जायेगा वास्तविकता यह है कि उद्योग प्रारम्भ होने में कई वर्षो का समय लगेगा और रोजगार के कितने पद सृजित होते हैं यह भी अंधकार में रहेगा।
ऐसा भी सम्भव है लोकसभा चुनावों की समाप्ति के बाद उद्योगों की स्थापना रूक जाय और बेरोजगार पुनः अपने को ठगा महसूस करें। जिस प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 2 करोड युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा करके सत्ता हासिल की गयी थी और बाद में कहा गया कि वह तो जुमला था। रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने युवाओं और बेरोजगारों को सचेत करते हुये कहा कि 2014 में किये गये वादों में से किसी का भी पूरा न होना इस बात का परिचायक है कि यह सरकार और उसके नेता जुमलेबाज और धोखेबाज के अतिरिक्त गरीबों और मजदूरों के प्रति केवल घडियालू आंसू बहाने वाले हैं। आगामी चुनाव में इन लोगो को जैसा बोया है वैसा ही काटने को मिलेगा।